1. अपनों का जिंदगी का दर्द … अपना ही लगता है।
दर्द में वो होते है तकलीफ हमें होती है।
2. जिंदगी को इतना सस्ता ना समझ ना … इसका
महताब तभी पता चलेगा … जब जिंदगी का साँस
सिर्फ 1 secound के लिए रह जायेगा .
3. इस दर्द को किसके साथ बाटूँ ….यहाँ तो मेरे
अलाबा कोई नहीं है … अरे मुझे माफ़
करना यहाँ तो जिंदगी ही नहीं है।
4. जो दिल में आया वो कहा दिया …. गुस्ताखी
माफ़ करे …. आप से मोहबत था तो कह दिया।
5. किया कहूं उसको में … बिछड़ने का दर्द किया है
…ज़िंदा नहीं होना … समझाना मुश्किल होता है।
6. मोहबत मेरी डूबती रही ज़माना देखता रह गया
… ज़माना से उम्मीद नहीं था … तुम भी उन
ज़ालिमों के साथ तमसा देखते रह गया.
7. खामोसी और दूरिया लग भाग एक जैसा ही
होता है … दूरिया बाढ़ जाये तो खामोसी छाजाती है।
और खामोसी च जाए तो दूरियां बाढ़ जाती है।
8. दूरियां दीबारो से भी मजबूत होते है…… दूरियां
दीबारो से भी मजबूत होते है। और सच्चा मोहबत
हीरो से भी मजबूत होते है।
9. किया कहे वो रिस्तो का जो ज़माने से बिछड़ा
हुआ था … अब किया ही कहे अपनों को जो हमें
अपना नहीं समझता था।
10. दिल न मने तो मत आना …
दिल न मने तो मत आना …
जब दिल मने बस तभी आना ….
11. दिल हमारा मुनाफिक नहीं है …
दिल हमारा मुनाफिक नहीं है …
और यह दिल तुम भूल जाए ….. इतनी भी कच्ची
मोहबत नहीं है।
12. अरे किया ही जानो तुम इस दिल का दर्द ….
तुमहरे पास दिल ही कहा है । अरे किया ही जानो
तुम इस दिल का दर्द …. तुमहरे पास दिल ही कहा
है। कभी सच्चा मोहबत करके देखो …. की इस दिल
का दर्द किया है।
13. भूखा हूँ मोहबत का कोई एहतराम तो करलो ….
खुनी नहीं हूँ आशिक़ हूँ कोई हमसे मोहबत तो
करलो।
14. खुला आसमान है … खुली जिंदगी।
खुला आसमान है … खुली जिंदगी।
बेवफा उसने की …. हमें मिली मौत की जिंदगी।
15. दिल होता तो समझ अत ….
दिल होता तो समझ अत ….
की दर्द किया होता है … मोहबत होता तो समझ
अत …की बेवफा का दर्द किया होता है।
16. ज़िन्दगी पलट जाती है सिर्फ एक लब्ज़ पैर …
एक ही ज़िन्दगी और एक ही मोहबत थी … उसको
भी ठुकरा दिया सिर्फ एक लब्ज़ पर।
17. अगर देखने से प्यार होजाता … तो है मुझे हर
एक से मोहबत है … लेकिन क्या कहूं इस दिल को
… इसके पास तो सिर्फ एक ही इंसान के लिए जगा
है।
18. उसने कहा और तुम मन लिये …. एक पल में
ही सरे रिश्ते तोड़ दिये।
19. जाना है रोज़ का …. मंजिल कोई नहीं …. इरादे है
रोज़ का …. लेकिन मोहबत का इज़हार इतनी
आसान भी नहीं।
20. क्या कहूं अब तुमसे की में कितना टुटा हुआ हूँ
… ये ज़माना ज़ालिम है … तुमे पता नहीं की में
तुमसे कितना रूठा हुआ हूँ।
21. किया मोहबत ऐसी होती है … जिसका result
सिर्फ और स दर्द है।
22. हमारी मोहबत को मिटा सके …. तुममे इतना
डैम नहीं … ये मोहबत है कोई game नहीं।
23. आँखों से बहेने वाली पानी को आंसू कहते हैं …
और मोहबत में रोने वालो को मजनू कहते है।
24. क्या कहूं अब में तुमको … जाना चाहती हो तो
चले जाना। लेकिन है कभी बेवफा का गीत मत
गाना।